Friday, February 24, 2017 | 7:59:00 PM
पटना के चप्पे चप्पे में देखो फैली मौज़े रवानी है
९०,श्री कृष्ण नगर का इतिहास बदल चूका
कथा किन्तु मन में
वही पुरानी है।
हम सब भाई बहनो का
क्या लड़कपन क्या जवानी थी
माँ पापा के प्रेम की भी अज़ब कहानी थी
पटना वीमेंस कॉलेज से सायंस कॉलेज तक जाती
प्रेम परवानी थी ; हायकोर्ट
जादूघर की अपनी ही अलग कहानी थी
कदम कुआँ का हाल न पूछो
अपने ही यहाँ सभी
लगते जैसे बेगाने हैं ,
वही होटल मौर्या जहाँ दो दिल
न जाने कितने एक होते जो
अनजाने हैं
दूरदर्शन में भी आते वही चेहरे नजर
जो कभी पहचाने हैं
कैसे कहूं क्या क्या कहूं पटना !
याद हमे तुम रखना पटना ,
गंगा की धरती यमुना पर आयी है। .
डॉ शेफालिका वर्मा
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