DesiEvite Blog

Recently Posts

Categories

0

RUMI

2/16/2017 8:51:00 PM

Life is a balance between holding on and letting go. ~ Rumi

Posted by:

Holi

2/21/2017 12:12:00 PM

Holi The colorful festival of Holi is celebrated on Phalgun Purnima which comes in February end or early March. Holi celebrations start on the night before Holi with a Holika bonfire where people gather, do religious rituals in front of the bonfire, and pray that their internal evil should be destroyed as the bonfire starts. The next morning is celebrated as Rangwali Holi - a free-for-all carnival of colours,[9] where participants play, chase and colour each other with dry powder and coloured water, with some carrying water guns and coloured water-filled balloons for their water fight. Anyone and everyone is fair game, friend or stranger, rich or poor, man or woman, children and elders. The frolic and fight with colours occurs in the open streets, open parks, outside temples and buildings. Groups carry drums and other musical instruments, go from place to place, sing and dance. People visit family, friends and foes to throw coloured powders on each other, laugh and gossip, the

Posted by:

कीमत

2/21/2017 7:16:00 PM

कीमत पानी की नहीं, प्यास की होती है.. कीमत मृत्यु की नहीं, श्वास की होती है.. संबंध तो जीवन में कई होते हैं, लेकिन.. कीमत संबंध की नहीं, उनमें छुपे विश्वास की होती है.। अर्चना अनुप्रिया।

Posted by: Archana Anupriya

अनुभूति

2/21/2017 7:25:00 PM

जब जब भी तुम मेरे समीप आते हो छू कर ना जाने कब उर में मधु - मधुर पुलक भर देते हो न जानू कितने वचन याद दिलाते हो ... तुम्हारे मृदुल स्नेहिल संस्पर्श की तरंगे ह्रदय में बेसुधि की सिन्धु बन लहर उठाती है मंत्रमुग्ध मेरा कवि उसमे ड़ूब जाता है मै खड़ी अकेली असहाय अवाक् अनिवर्चनीय अनुभूति की कोमल कोमल कली चुन उसे गीतों में गूंथने के लिए सजा कर रखने के लिए छंद खोजती रह जाती हूँ इस चित्र विचित्र विराट प्रेम को महसूसती रह जाती हूँ....... डॉ शेफालिका वर्मा

Posted by:

Listen

2/21/2017 7:33:00 PM

*'Your good heart will tell u where to go. Your sharp mind will tell u how to get there & your deep love for God will guide you on your way.'

Posted by:

पत्थर

2/21/2017 7:56:00 PM

बेजान पत्थरों में भी जान होती है... कभी तराश कर देखो, बोल उठेंगे...।                          अर्चना अनुप्रिया।

Posted by: Archana Anupriya

नमन हे शंकर!

2/24/2017 7:39:00 PM

ना आदि है, ना अंत है, सीमाएं भी अनंत हैं, हैं "ऊँ" के आकार में, जिनसे सृष्टि जीवन्त है। हर काल के कपाल हैं, हम सबके महाकाल हैं, विभोर भी, वीभत्स भी, वैकुण्ठ भी हैं, पाताल हैं। सब देवों के देव हैं, कण-कण में एकमेव हैं, पी के विष भी जो मगन हैं, वह मृत्युंजय हैं, महादेव हैं। अंधकार वही, प्रकाश वही, मृत्यु वही और श्वास वही, हर रचना में, हर पल में वही, पत्थर-वृक्ष वही, हाड़-मांस वही। जन्म और मृत्यु से परे, सदा रहते समाधि में खड़े, किसी भी सोच से ऊपर हैं, अनंत शक्तियों से जड़े । ध्वनि में ओम् कार हैं, हर कला का आधार हैं, मोक्ष का सुन्दर स्वरूप हैं, हर सत्य से एकाकार हैं। नमन शिव, नमन हे शंकर! हे परमपिता, हे परमेश्वर ! हम सब पर कृपा करो अपनी, हमें सँभालो, हे करुणाकर ! हे शिव शंकर ! हे शिव शंकर ! अर्चना अनुप्रिया। महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं.......!

Posted by: Archana Anupriya

ॐ नमः शिवाय

2/24/2017 7:45:00 PM

ॐ नमः शिवाय अहाँ जीवन में राग भरू, अनुराग भरू चिरहासमय उल्लासमय मधुमास भरू ! जीवन के जीवन रह' दिय ,एहि में मधु-धार बह' दिय' फेर देखब की अछ ई जीवन सुख़ सौभाग्यक पुलकित उपवन जीवन विराटक दर्पण थीक शोभा सुषमाक मधुवन थीक आनंद भरल कैलास लोक नहि कोनो अछ रोग सोक शिव गौरीक नर्तन पावन मधुमय मंगल जीवन थीक ई जीवन शूल फूल वरदान थीक ,स्वेद कण मानव मस्तक केर सम्मान थीक सम्मानित जीवनक आदर अहाँ बनू.. महाशिवरात्रिक अशेष नमन अहाँ के ,,,,,,, डॉ शेफालिका वर्मा

Posted by:

पटना

2/24/2017 7:59:00 PM

पटना के चप्पे चप्पे में देखो फैली मौज़े रवानी है ९०,श्री कृष्ण नगर का इतिहास बदल चूका कथा किन्तु मन में वही पुरानी है। हम सब भाई बहनो का क्या लड़कपन क्या जवानी थी माँ पापा के प्रेम की भी अज़ब कहानी थी पटना वीमेंस कॉलेज से सायंस कॉलेज तक जाती प्रेम परवानी थी ; हायकोर्ट जादूघर की अपनी ही अलग कहानी थी कदम कुआँ का हाल न पूछो अपने ही यहाँ सभी लगते जैसे बेगाने हैं , वही होटल मौर्या जहाँ दो दिल न जाने कितने एक होते जो अनजाने हैं दूरदर्शन में भी आते वही चेहरे नजर जो कभी पहचाने हैं कैसे कहूं क्या क्या कहूं पटना ! याद हमे तुम रखना पटना , गंगा की धरती यमुना पर आयी है। . डॉ शेफालिका वर्मा

Posted by:

होली

2/28/2017 12:33:00 PM

 होली   होली एक रंगों से भरा और महत्वपूर्ण उत्सव है । इसे हर साल हिन्दु धर्म के लोगों द्वारा मार्च (फागुन) महीने के पूर्णिंमा या पूर्णमासी के दिन मनाया जाता है। लोग इस पर्व क&

Posted by:

1 2 3
twitter account facebook account Google Plus account Pinterest account blogspot account
Copyright DesiEvite.com, 2010-2021, Contactus Email : DesiEviteAdmin@DesiEvite.com
>