Monday, April 10, 2017 | 9:55:00 PM
न कोई ख्वाब बाकी है
न कोई
सफर बाकी है
डायरी
में जाने क्यूं
अब भी
कुछ याद बाकी है,
न वादा था किसी का
न कोई
मुलाकात बाकी है
दिल
में न जाने क्यूं
किसी
का इंतजार बाकी है !!
डॉ शेफालिका वर्मा
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