DesiEvite Blog

Recently Posts

Categories

अक्षत तृतीया व्रत एवं पूजा | Fast and rituals

Friday, April 21, 2017 | 7:45:00 AM

अक्षत तृतीया व्रत एवं पूजा | Fast and rituals for Akshaya Tritya
अक्षय तृ्तीया का यह उतम दिन उपवास के लिए भी उतम माना गया है. इस दिन को व्रत-उत्सव और त्यौहार तीनों ही श्रेणी में शामिल किया जाता है. इसलिए इस दिन जो भी धर्म कार्य किए वे उतने ही उतम रहते है.

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान इत्यादि नित्य कर्मों से निवृत होकर व्रत या उपवास का संकल्प करें. पूजा स्थान पर विष्णु भगवान की मूर्ति या चित्र स्थापित कर पूजन आरंभ करें भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं, तत्पश्चात उन्हें चंदन, पुष्पमाला अर्पित करें.

पूजा में में जौ या जौ का सत्तू, चावल, ककडी और चने की दाल अर्पित करें तथा इनसे भगवान विष्णु की पूजा करें. इसके साथ ही विष्णु की कथा एवं उनके विष्णु सस्त्रनाम का पाठ करें.  पूजा समाप्त होने के पश्चात भगवान को भोग लाएं ओर प्रसाद को सभी भक्त जनों में बांटे और स्वयं भी ग्रहण करें. सुख शांति तथा सौभाग्य समृद्धि हेतु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती जी का पूजन भी किया जाता है.

लोकाचारे में इस दिन चावल, मूंग की खिचडी खाने का बडा रिवाज है. यह व्यंजन बनाने के लिये इमली के फल और गुड को अलग-2 भिगो दिया जाता है. और अच्छी तरह भीग जाने पर दोनों का रस बनाकर छान लेते है. इमली के बराबर का गुड मिलाया जाता है. इस दिन खेती करने वाले आने वाले वर्ष में खेती कैसी रहेगी. इसके कई तरह के शकुन निकालते है. इस दिन को नवन्न पर्व भी कहते हैं, इसलिए इस दिन बरतन, पात्र, मिष्ठान्न, तरबूजा, खरबूजा दूध दही चावल का दान भी किया जाता है

Posted By

User Comments

Leave a comment/Review?

  • Your IP is being logged.
  • Your e-mail address is used only for verification purposes only and will not be sold, or shown publicly.
  • HTML tags allowed.